पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से स्पष्ट होती है। पेरिस घोषणा पत्र में उत्सर्जन स्तर को 2030 तक 2005 के स्तर का 33.35 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। समानता और सहभागी सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए भारत ने जलवायु परिवर्तन के खतरे की जवाबी कार्रवाई प्रणाली को सशक्त बनाया है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 8 वैश्विक प्रौद्योगिकी निगरानी समूहों का गठन किया गया है। जलवायु परिवर्तन कार्य योजना 2014 में शुरू हुई थी, को 2017-18 से 2019-20 तक का विस्तार दिया गया है। इसके लिए 132.4 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। राष्ट्रीय अनुकूलन कोष को भी 31 मार्च, 2020 तक विस्तार दिया गया है। इसके लिए 364 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है।