वैश्विक वेतन रिपोर्ट, 2018-19

जिनेवा में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी वैश्विक वेतन रिपोर्ट, 2018-19 के अनुसार वेतन के मामले में अब भी महिलाओं को लिंग भेद का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें पुरुषों की तुलना में 20 फीसदी कम वेतन मिलता है।

विशेषताएं:

  • मुद्रास्फीति के लिए समायोजित वैश्विक वेतन वृद्धि, 2016 में 2.4% से घटकर 2017 में 1.8% तक धीमी हो गई है। 2008 के बाद यह सबसे कम दर है।
  • विकसित G-20 देशों में, वास्तविक वेतन वृद्धि 2015 में 1.7 प्रतिशत से घटकर 2016 में 0.9 प्रतिशत और 2017 में 0.4 प्रतिशत हो गई। विकासशील G-20 देशों में यह दर 4.9 से घटकर 4.3 प्रतिशत रह गयी है।
  • एशिया और प्रशांत देशों में 2006 और 2017 के बीच दुनिया भर में सबसे ज्यादा वास्तविक वेतन वृद्धि हुई थी, लेकिन यह वर्ष 2016 में 4.8% से वर्ष 2017 में 3.5% तक घट गई।

भारत की स्थिति

  • दक्षिण एशिया में, भारत में 2008 -17 के मध्य में औसत वास्तविक वेतन वृद्धि 5.5 रही।
  • भारत में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 34.5 प्रतिशत कम वेतन मिलता है। वेतन में यह अंतर लिंग के आधार पर अध्ययन किये गए देशों में सबसे ज्यादा है।

पृष्ठभूमि

यह रिपोर्ट पहली बार 2008-09 में प्रकाशित की गई थी। इसे हर दो वर्ष में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी किया जाता है।