वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट, 2019

पेरिस में यूनेस्को द्वारा जारी वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट, 2019 के अनुसार दुनिया भर में प्रवासी और शरणार्थी स्कूली बच्चों की संख्या में वर्ष 2000 के बाद से 26% की वृद्धि हुई है।

विशेषताएं:

  • उच्च आय वाले देशों में आप्रवासी (Immigrant) पृष्ठभूमि वाले छात्रों की हिस्सेदारी वर्ष 2005 में 15% से 2017 तक 18% बढ़ी है। अब वे 36 मिलियन की संख्या में हैं।
  • रिपोर्ट में निम्न सिफारिशें की गयी हैं-
    1. प्रवासियों और विस्थापित लोगों की शिक्षा के अधिकार की रक्षा करना
    2. राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में प्रवासियों और विस्थापित लोगों को शामिल करना।
    3. प्रवासियों और विस्थापित लोगों की शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए माहौल और योजना बनाएं।

भारत की स्थिति

  • भारत में 2013 में मौसमी प्रवास (Seasonal Migration) के साथ 6 से 14 वर्ष के 10.7 मिलियन बच्चे ग्रामीण परिवारों में रहते थे।
  • इन परिवारों में 15 से 19 वर्ष के लगभग 28% युवा निरक्षर थे या प्राथमिक शिक्षा नहीं ग्रहण की थी।
  • रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक अल्पकालिक प्रवासी निर्माण क्षेत्र से हैं।
  • 5 से 14 वर्ष के सभी बच्चों में से 65 से 80% प्रतिदिन सात से नौ घंटे भट्टों (Kilns) में काम करते हैं।
  • लगभग 77% भट्टा श्रमिकों (kiln workers) ने अपने बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा तक पहुंच की कमी की सूचना दी है।

पृष्ठभूमि

वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट वर्ष 2002 से यूनेस्को द्वारा प्रकाशित की जा रही है। रिपोर्ट का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों के ढांचे में शिक्षा लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की निगरानी करना है।