जेनेटीक इंजीनियरिंगः आनुवंशिक इंजीनियरी में जीनों का संलयन, विलोपन, प्रतिलोपन और पक्षांतरण किया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण जीन का संकरण है, जिसके अंतर्गत एक जीव के DNA को दूसरे जीव के DNA के साथ रोपित किया जाता है तथा इच्छित गुणों वाले जीन प्राप्त किए जाते हैं। प्रत्येक क्छ। में जीन एक निश्चित क्रम में होते हैं।
ऑटोल्नालाइजरः इसका संचालन कम्प्यूटर के की-बोर्ड द्वारा होता है। इससे एक बार में एक ही आंकलन किया जाता है। चिकित्सा क्षेत्र में इसका प्रयोग उपकरण के रूप में किया जाता है मुख्यतः यह एक कम्प्यूटर नियंत्रित यंत्र है। विभिन्न जैव रासायनिकों जैसे-एन्जाइम, कोलेस्ट्रॉल, यूरिया, ग्लूकोज आदि के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
आर्मेनिकमः पूर्व सोवियत संघ के आर्मीनिया के डाक्टरों द्वारा एड्स के इलाज के लिए विकसित की गई नई कारगर दवा है।
आटोरेडियोग्रामः यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें रिकार्ड या फोटो का निर्माण DNA चिप्पीकरण द्वारा किया जाता है। DNA के स्थान पर थाइमिडीन जैसे रेडियो सक्रिय पदार्थ का भी प्रयोग किया जाता है। इस तकनीक द्वारा फिल्म पर अवनित विकिरणों द्वारा निर्मित बिम्ब का विकास किया जाता है।
ई-मतदानः मल्टीमीडिया कम्प्यूटर की सहायता से किसी चुनाव में अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चुनाव करना ही ई-मतदान है। इसके तहत कोई व्यक्ति अपने घर बैठे ही कम्प्यूटर के माउस को मात्र क्लिक कर मतदान कर सकता है। इस प्रक्रिया से चुनावी खर्चों में 10% की बचत होती है।
इंट्रानेटः यह ऐसा नेटवर्क है जो विशिष्ट व्यापार या संगठन के कर्मचारियों को सेवाएं प्रदान करती है।
ऊतक संवर्द्धनः इस तकनीक का उपयोग क्लोन की उत्पत्ति भ्रूण संवर्द्धन तथा नई प्रजातियों के विकास में किया जाता है। इसके अंतर्गत जीव के किसी भी भाग को लेकर तथा उसका उपयुक्त वातवरण एवं परिस्थितियों वाली परखनली में विकास पर संपूर्ण नए जीव की प्राप्ति की जाती है। इसे परखनली जीव भी कहते हैं। इसका प्रयोग कुक्कुट, उत्पादन समुद्री घास तथा मोतियों के संवर्द्धन तथा फसलों की प्रजातियों को सुधारने में वृहद रूप से किया जाता है।
एप्लीग्राफीः यह एक नई चिकित्सा विधि है जिसके द्वारा खराब त्वचा के बदले नई त्वचा बदली जाती है। मियामी का 8 वर्षीय रॉकी पीडरमोलिसस बुलोसा बीमारी से पीडि़त पहला शिशु है जिसकी 40% त्वचा को इस विधि से बदला गया।
एनानोवाः यह Computer जनित विश्व की पहली वर्चुअल समाचार वाचिका है। एनानोवा ने एक ब्रिटिश एजेंसी द्वारा अप्रैल 2000 में इंटरनेट पर जारी वेव साइट www.ananova.com पर समाचार वाचन का कार्य शुरू कर दिया है।
कम्प्यूटर अभिकल्पः यह कम्प्यूटर प्रणाली का अवधारणात्मक अभिकल्प तथा बुनियादी परिचालनात्मक ढांचा है। इसके निर्देशात्मक अभिकल्प-(इंस्ट्रक्शन सेट, मेमोरी एड्रेस मोड्स, प्रोसेसर रजिस्टर) माइक्रोस्ट्रक्चर तथा हार्डवेयर को शामिल किया जाता है।
कोरोनोग्राफः अंतरिक्ष में उठने वाले तूफानों की पूर्व जानकारी उपलब्ध कराने वाला उपकरण कोरोनोग्राफ कहलाता है। इस उपकरण के माध्यम से सूर्य में नौ बड़े तूफानों का पता लगाया गया है, जिन्हें कोरोनल भाव इंजेक्शन कहा जाता है।
कृत्रिम बुद्धिः कृत्रिम बुद्धि का अर्थ होता है कम्प्यूटर द्वारा मनुष्य की बुद्धि और उसके विचार प्रक्रिया का मॉडल बनाना ताकि कम्प्यूटर भी मनुष्य के समान सोच सके। कम्प्यूटर द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली अनेक बौद्धिक क्रियाओं को ही कृत्रिम बुद्धि कहा जाता है।
क्लोनिंगः क्लोन एक ऐसी जैविक रचना होती है, जो गैर-यौगिक विधि से एकल जनक द्वारा उत्पन्न होता है। यह शारीरिक रूप से ही नहीं वरन् आनुवांशिक रूप से अपनी मां अथवा पिता के समरूप ही होता है। जिस विधि अथवा तकनीक द्वारा क्लोन पैदा होता है, उसे क्लोनिंग तकनीक कहा जाता है। इस तकनीक में प्रायः नाभिकीय अंतरण विधि का प्रयोग किया जाता है।
क्लाउड कम्प्यूटिंगः क्लाइड कम्प्यूटिंग इंटरनेट आधारित कम्प्यूटिंग प्रक्रिया है जिसमें यूर्जस को अपने कम्प्यूटर पर सभी सॉफ्रटवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टमों को लोड करने की आवश्यकता नहीं होती। ये सभी इंटरनेट के माध्यम से आवश्यकता के समय तुरन्त उपलब्ध हो जाते हैं। यह एक ऐसी तकनीकी और सुविधा है जिसके द्वारा कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग पावर को काफी बढ़ाया जा सकता है, वह भी इंप्रफ़ास्ट्रक्चर में अतिरिक्त खर्च किए बिना।
जीन उपचारः जीन उपचार इस सिद्धांत पर आधारित है कि यदि भ्रूणीय अवस्था में प्रसवोपरान्त यह निश्चित हो गया है कि बच्चे को कोई आनुवांशिक रोग है तो इस रोग से संबंधित जीन को सामान्य जीन से प्रतिस्थापित किया जा सकता है। इस विधि से किसी बच्चे को आनुवांशिक रोग से मुक्त किया जा सकता है।
जैव सेंसरःमैगनीज एवं तांबे की खान के मिट्टी के ढ़ेरों जिससे इनमें सहायक एवं न्यूट्रिटिव रिजोस्फियर का विकास होता है, के जैव उपचार के लिए एक समेकित जैव प्रौद्योगीकीय उपाय का विकास तथा जल में आर्गनो-फास्फोरस कीटनाशी अपशिष्टों का पता लगाने के लिए जैव सेंसर का विकास किया गया है।
ट्रांसजेनिक तकनीकःकिसी जंतु के लिंग गुणसूत्रें में बाहरी जीन प्रवेश करने की तकनीक को ट्रांसजेनिक तकनीक कहा जाता है।
टेलीमेडिसीनःयह उपग्रहों के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को संभव बनाने की नई तकनीक है। इस तकनीक में रोगी को किसी अस्पताल में भर्ती कर टेलीविजन कैमरे से फोटोग्राफी की जाती है तथा दूर देश या स्थान पर बैठे अन्य डॉक्टर को उस रोगी के बारे में जानकारी हो जाती है। इस तरह दूर बैठे अच्छे चिकित्सक से सलाह लेकर रोगी के रोग का निदान किया जाता है।
नैनो कणः यह एक ऐसा सूक्ष्म यंत्र है जो 60 डेसिबल तक की क्षीण ध्वनि को सुन लेता है। यह मनुष्य की श्रवण शक्ति के दस लखवें भाग तक की क्षीण ध्वनि सुन सकता है।
हाइपर थर्मियाः यह उच्च आवृत्ति की ध्वनि तरंगों के जरिए कैंसर संक्रमित तंतुओं को नष्ट करने की तकनीक है जिसका विकास राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला व वैज्ञानिक वैदराम सिंह ने किया है। इस स्वदेशी तकनीक में कैंसरग्रस्त तंतुओं को खोजने एवं उन्हें नष्ट करने के लिए सकेंद्रित अल्ट्रासाउंड तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
साइबर खेतीः यह ऐसी कम्प्यूटर प्रणाली है जो उन खेतों में सिंचाई के पंपों को अपनी आप बंद करती है जो कुछ समय बिना पानी के रह सकते हैं। यह कम्प्यूटर किसानों को मौसम संबंधी जानकारी देने में भी सक्षम है।
सोनारः यह एक ऐसा तंत्र है जिससे उच्च आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को प्रसारित करके और परावर्तित तरंगों को एकत्रित करके गहरे समुद्र में डूबी वस्तुओं की सही स्थिति का पता लगाया जाता है। सोनार का उपयोग पनडुब्बियों का पता लगाने मछलियों को स्थान ज्ञात करने, पानी की गहराई मापने इत्यादि में होता है।
सॉफ्टवेयर टेक्नालॉजी पार्कः प्रेरक वातावरण उपलब्ध कराने तथा सॉफ्रटवेयर निर्यात को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने सॉफ्रटवेयर टेक्नालोजी पार्क की स्थापना की है। यह पार्क सॉफ्रटवेयर इंजीनियरों और गुणवत्ता निश्चितता जैसी नई प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देता है।