भ्रष्टाचार जैसी समस्या के समाधान के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील रही है। अतः 1962 में भ्रष्टाचार निवारण के लिए विद्यमान रोधकों की जांच करने और भ्रष्टाचार विरोधी कदमों को दृढ़ बनाने के लिए आवश्यक उपाय सुझाने हेतु सन्थानम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। 1964 में इस समिति ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समिति ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अनेक सुझाव प्रस्तुत किए जिनमें से महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित थे-