देश की प्रशासनिक जाँच तथा आवश्यकतानुसार प्रशासन में सुधार एवं पुनर्गठन के संबंध में सिफारिशें करने के लिए एक उच्चाधिकारयुक्त प्रशासनिक सुधार आयोग की स्थापना 5 जनवरी 1966 को की गयी। प्रशासनिक सुधार आयोग के प्रथम सभापति श्री मोरारजी देसाई थे। इसके अन्य चार सदस्य थे- सर्वश्री के. हनुमन्तैया, हरिश्चन्द्र माथुर, जी.एस. पाठक तथा एच. बी. कामथ। श्री बी. शंकर इसके सदस्य सचिव थे। अंतिम को छोड़कर सभी संसद सदस्य थे। श्री जी-एस- पाठक जब 24 जनवरी 1966 को केन्द्र सरकार के कानून मंत्री बने तो उनके स्थान पर राज्य सभा के सदस्य श्री देवव्रत मुखर्जी को 27 अप्रैल 1966 को आयोग का सदस्य बनाया गया। श्री बी. शंकर 12 मार्च, 1966 को पूर्णरूपेण सदस्य बन गये। श्री वी.वी. चारी को आयोग का सचिव पद दिया गया। 17 मार्च 1967 को के. हनुमन्तैया को सभापति बनाया गया क्योंकि श्री मोरारजी देसाई ने उप-प्रधानमंत्री पर ग्रहण करने के कारण त्यागपत्र दे दिया था। 12 जून 1968 को श्री हरिशचन्द्र माथुर की मत्त्यु हो गयी। उनके स्थान पर 16 सितम्बर 1968 को राज्यसभा के सदस्य श्री टी.एन. सिंह को नियुक्त किया गया।