धार्मिक आस्था की आड़ में यौन शोषण
लोगों का यह विश्वास होना कि मंदिर में देवदासी के साथ प्रणय क्रीड़ा करने से गांव पर कोई विपत्ति नहीं आती।
कर्नाटक के बेलगाम जिले के सौदती स्थित यल्लमा देवी के मंदिर में एक मेला लगता है जिसे ‘माघ पूर्णिमा’ या ‘रंडी पूर्णिमा' कहा जाता है। उस दिन लाखों की संख्या में भक्तजन पहुंचकर आदिवासी लड़कियों के शरीर के साथ सरेआम छेड़छाड़ करते हैं तथा काम पिपासा बुझाते हैं। 1990 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 45 प्रतिशत देवदासियां महानगरों में वेश्यावृत्ति में संलग्न मिलीं। अनेक देवदासियों को मुंबई, कोलकाता तथा देश के अन्य शहरों में लाया जाता है तथा वेश्यालयों में काम करने के लिए छोड़ दिया जाता है।