कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 लागू किया गया है। संविधान का अनुच्छेद 19(1)(6) में कार्यस्थल का वातावरण सुरक्षित तथा यौन शोषण रहित करने का प्रावधान है। आईपीसी की धारा-375 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति महिला की इच्छा के विरुद्ध या धमकाकर ली गई सहमति, नशे या बेहोशी में ली गई सहमति से यौन संबंध बनाता है तो वह दुष्कर्म का दोषी माना जाएगा।
18 वर्ष से कम आयु की महिला की सहमति से भी यौन संबंध यौन उत्पीड़न माना जाता है। भारतीय दंड संहिता की वर्तमान धाराओं 375, 376, 376A, 376B, 376C और 376D के स्थान पर धारा-375, 376, 376, और 376B जगह लेंगी। इसका उद्देश्य यौन उत्पीड़न अपराध में लिंग भेद से बचाना तथा अपराध का दायरा बढ़ाना है। आईपीसी की धारा-354 में यौन उत्पीड़न रोकने की व्यवस्था की गई है।
16 दिसंबर, 2012 की निर्भया रेप की घटना के बाद सरकार ने वर्मा कमीशन की सिफारिश पर ‘एंटी रेप लॉ’ बनाया है।
विशाखा दिशा-निर्देश क्या है?
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