1969: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति को पुनर्गठित करके इसरो नाम दिया गया।
1972: अंतरिक्ष विभाग और अंतरिक्ष आयोग का गठन।
1975: पहले उपग्रह आर्यभट्ट को 19 अप्रैल को सोवियत संघ के प्रक्षेपण केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा गया।
1979: 7 जून को भारत में बना दूसरा उपग्रह भास्कर तत्कालीन सोवियत संघ के एक प्रक्षेपण केन्द्र से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित।
1980: भारत में निर्मित पहले उपग्रह प्रक्षेपण वाहन एस एल-वी--3 ने 18 जुलाई को रोहिणी उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा।
1981: एस-एल-वी-- 3 प्रक्षेपण वाहन के जरिये 31 मई को श्रीहरिकोटा रेंज से रोहिणी श्रेणी का दूसरा उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गया।
1982: अमेरिका से प्राप्त पहला बहुउद्देश्यीय इनसैट-1ए को 10 अप्रैल को अमेरिकी डेल्टा रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया।
1983:17 अप्रैल को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रोहिणी उपग्रह एस-एल-वी-- 3 का प्रक्षेपण।
1984: 3 अप्रैल को भारत-सोवियत संयुक्त अभियान के अंतर्गत स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में पदार्पण करने वाले पहले भारतीय बने।
1988: भारत में बने पहले दूर संवेदन उपग्रह आई-आर-एस-1ए को 17 मार्च को तत्कालीन सोवियत संघ के बैकानूर स्थित रॉकेट स्थल से वोस्टाक रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया।
1990: पहली पीढ़ी के इनसैट उपग्रह श्रेणी का अंतिम उपग्रह इनसैट-1डी को फ्रलोरिडा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से अमेरिकी डेल्टा रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया।
1991: दूसरा दूर संवेदी उपग्रह आई-आर-एस--1बी 29 अगस्त को बैकानूर से वोस्टॉक रॉकेट की मदद से छोड़ा गया।
1992:संवर्द्धित उपग्रह प्रक्षेपण वाहन ए-एस-एल-वी- को 20 मई को श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया।
1993:23 जुलाई को कौरू प्रक्षेपण केंद्र से एरियन रॉकेट से अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा गया।
1994:15 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा से पी-एस-एल-वी-डी-2 की मदद से 870 किग्रा- वजन के आई-आर-एस--पी2 को ध्रुवीय सौर स्थित कक्षा में स्थापित किया गया।
1995:इनसैट-2सी का सफल प्रक्षेपण।
1996:मार्च में पी-एस-एल-वी--डी3 का सफल प्रक्षेपण।
1997:सित- में पी-एस-एल-वी--सी1 का सफल प्रक्षेपण।
1998:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने 19 अप्रैल को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रोहिणी साउंडिग श्रेणी का रॉकेट आर एच -560 एम के प्प् प्रक्षेपित किया।
1999:फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केन्द्र से एरियन रॉकेट द्वारा 3 अप्रैल, 1999 को 2550 किलोग्राम के इनसैट 2-ई उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया।
2000:22 मार्च को फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से इनसैट-3बी का सफल प्रक्षेपण। 6 नवंबर, 2000 को इसरो द्वारा इनसैट-2बी की सेवा समाप्त करने की घोषणा।
2001:18 अप्रैल को इसरो ने भारत के अत्याधुनिक और बहुप्रतीक्षित भूस्थैतिकी ‘जीएसएलवी-डी1’ को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण रेंज से प्रक्षेपित किया।
2002:24 जनवरी को इसरो नेशृंखला की तीसरी पीढ़ी के संचार उपग्रह इनसैट-3सी को फ्रेंच गुयाना के कौरू अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया।
2003:10 अप्रैल को इनसैट-3ए एवं 28 सितंबर, 2003 को इनसैट-3ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। 17 अक्टूबर को पी-एस-एल-वी--सी-5 द्वारा रिसोर्ससैट-I का सफल प्रक्षेपण किया गया।
2004:20 सितंबर को जी-एस-एल-वी--एफ 01 द्वारा एडुसैट का सफल प्रक्षेपण किया गया।
2005:5 मई को इसरो ने कार्टोसेट-1 और हैमसेट से लदे प्रक्षेपणयान सी-6 का सफल प्रक्षेपण किया। 22 दिसंबर, 2005 को इनसैट-4शृंखला के पहले उपग्रह इनसैट-4 ए का फ्रेंच गुयाना से सफल परीक्षण किया गया।
2006:10 जुलाई 2006 को श्रीहरिकोटा से इन्सैट-4 सी के साथ जीएसएलवी-एफ 02 की द्वितीय संचालन उड़ान।
2007:14 जनवरी, 2007 को एसआरई-1 की पुनर्प्राप्ति।
12 मार्च, 2007 को फ्रेंच गुयाना के कौरू से एरियन-5 राकेट द्वारा इन्सैट-4 बी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण।
23 अप्रैल, 2007 को पीएसएलवी सी 8 द्वारा इटली के उपग्रह एजराइल को श्री हरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
2 सितंबर, 2007 को जीएसएलवी एफ 04 से इन्सैट-4 सी आर का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण। श्री हरिकोटा से पीएसएलवी-सी 7 द्वारा कार्टोसैट-2 व एसआरई-1 और इंडोनेशिया का लापान टबसैट व अर्जेण्टीना के पेहुनसैट-1 का सफल प्रक्षेपण, कौरू से एरियन-द्वारा संचार उपग्रह इनसैट-4बी का प्रक्षेपण, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 8 का सफल प्रक्षेपण।
2008:21 जनवरी, 2008 को जीएसएलवी सी 10 द्वारा इजराइल के उपग्रह टेक्सार का प्रक्षेपण किया गया। 28 अप्रैल, 2008 को इसरो द्वारा दूर संवेदी उपग्रह आई-एम-एस--1 का पी-एस-एल-वी-सी9 द्वारा सफल परीक्षण किया गया। 22 अक्टूबर, 2008 को पीएसएलवी सी-11 द्वारा श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण।
2009:20 अप्रैल, 2009 को रिसैट-2 और अनुसैट का जीएसएलवी सी-12 द्वारा श्री हरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। 23 सितंबर, 2009 को पीएसएलवी-सी-14 द्वारा ओशनसैट-2 और 6 नैनो उपग्रहाके का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
2010:12 जुलाई, 2010 को पीएसएलवी सी-15 द्वारा कार्टोसैट-2 वी एवं पीको-सैटेलाइट स्टडसैट का सफल प्रक्षेपण।
2011:20 अप्रैल, 2011 को पीएसएलवीसी-16 द्वारा रिसोर्ससैट-2, यूथ सैट एवं एक्स-सैट का सफल प्रक्षेपण किया गया।
15 जुलाई, 2011 को पीएसएलवीसी-17 द्वारा जीसैैट-12 का सफल प्रक्षेपण।
2012:26 अप्रैल 2012 पीएसएलवी-सी 9 द्वारा रीसैट-1 को और 9 सितंबर, 2012 को पीएसएलवी-सी 21 द्वारा स्पॉट-6 तथा प्रायोटर्स को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
2013:सरल नामक उपग्रह को पी-एस-एल-वी- सी-20 द्वारा 25 फरवरी को_ आई-आर-एन-एस-एस- (IRNSS)-1ए को 1 जुलाई को_ इनसैट-3डी को 26 जुलाई को एरियन-5 द्वारा तथा जीसैट-7 को 30 अगस्त को एरियन-5 यान द्वारा प्रक्षेपित किया गया।
5 नवंबर को भारत का मार्स आर्बिटर मिशन अंतरिक्षयान को पी-एस-एल-वी-सी25 द्वारा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
2014:जीसैट-14 को जीएसएलवी-डी5 से 5 जनवरी को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। आईआरएनएसएस-1बी को पीएसएलवी-सी24 से, स्पॉट-7 व चार अन्य उपग्रहों कोपीएसएलवी- सी23 से और आईआरएनएस-1सी को पीएसएलवी- 26 से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
28 मार्च, 2015: भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली IRNSS 1–D का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
28 अप्रैल, 2015: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) ने स्वदेशी क्रॉयोजेनिक इंजन CE-20 का 645 सेकेंड के लिए चेन्नई स्थित महेंद्रगिरि परीक्षण केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया।
10 जुलाई, 2015: इसरो के ध्रुवीय प्रक्षेपण यान ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV - C28 के द्वारा पांच ब्रिटिश उपग्रहों को ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया।
27 अगस्त, 2015: भारत के सबसे बड़े संचार उपग्रह जीसैट-6 को GSLV D-6 से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इसे भूतूल्यकालिक ट्रांसफर कक्षा (Geosynchrohous Transfer Orbit - GTO) में स्थापित किया गया।
26 सितंबर, 2016: ध्रुवीय प्रक्षेपणयान सी35 (पीएसएलवी सी-35) से देश के मौसम संबंधी उपग्रह स्कैटसेट-1 सहित आठ उपग्रह प्रक्षेपित किया गया।
15 फरवरी, 2017: इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च कर इतिहास रच दिया। पीएसएलवी सी-37 ने अपने 39वें मिशन पर रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया।
05 मई, 2017: इसरो द्वारा जीएसएलवी-एफ 09 के माध्यम से 2230 किलोग्राम भार वाले दक्षिण एशियाई उपग्रह जीसेट-9 का सफल प्रक्षेपण किया गया। यह संचार उपग्रह भारत के अतिरिक्त 6 दक्षिण एशियाई देशों - नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव तथा अफगानिस्तान को भी दूरसंचार सेवाएं प्रदान करेगा।
05 जून, 2017: इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से देश के नये विकसित शक्तिशाली प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-थ्री डी वन का सफल प्रक्षेपण किया और इसकी सहायता से 3,136 किलोग्राम भार के अगली पीढ़ी के संचार उपग्रह जी सैट-19 को भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किया।
23 जून, 2017: इसरो ने पीएसएलवी-सी 38 की सहायता सेकार्टाेसैट-2शृंखला के एक उपग्रह और 30 नैनो उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह पीएसएलवी का लगातार 39वां सफल मिशन था। इसमें 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह शामिल हैं।
29 जून 2017: इसरो द्वारा फ्रैंच गयाना स्थित कौरू प्रक्षेपण केंद्र से 3,477 किलोग्राम भार के संचार उपग्रह जीसेट-17 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
12 जनवरी, 2018: इसरो ने पीएसएलवी-सी 42 की सहायता से कार्टाेसैट-2शृंखला के दूर संवेदी उपग्रह तथा 30 अन्य उपग्रहों सहित कुल 31 उपग्रहों का सफलतापूर्वकप्रक्षेपण किया स इसमें भारत के 3 तथा 6 देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं।