वित्तीय समावेशन में समाज के पिछड़े और अल्प आय वर्ग के लोगों को वित्तीय नेटवर्क से जोड़ना है। उनके लिए वित्त की युक्तियुक्त व्यवस्था करना है। वित्तीय सेवाओं में जमा, ऋण अदायगी और अन्य बैंकिंग सुविधाओं को शामिल किया जाता है। वित्तीय समावेशन का उद्देश्य बैंकिंग नेटवर्क से बाहर अति निर्धन और पिछड़े वर्ग को स्थापित बैंकिंग नेटवर्क से जोड़ना है। वित्तीय समावेशन के तहत देश के हर जिले के ऐसे सभी गांवों में लोगों के बैंक खाते खुलवाए जाएंगे, जिनकी आबादी 2000 से अधिक है। देश में इस समय केवल 40 प्रतिशत लोगों के पास बैंक के खाते हैं।