ई-पंचायत से अर्थ इलेक्ट्रॉनिक पंचायत से है। इसके अंतर्गत सूचनाऔर संचार की आधुनिक तकनीक का उपयोग कर पंचायत, को कम्प्यूटरीकृत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पंचायत-स्तर पर शासन प्रबंधन में गुणात्मक और मात्रत्मक सुधार करना है।
ई-पंचायत के माध्यम से बेहद तेजी से और कम समय में सूचना का प्रसार होता है जिसका लाभ ग्रामीण जीवन में हो रही प्रगति में मिल सकेगा। जहां ई-पंचायत का प्रारंभ हो गया है वहां ग्रामीण क्षेत्रों के शासन प्रबंधन में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है, जो पंचायत के सुधार और अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है इससे पंचायत स्तर पर पारदर्शिता, शांति, सुरक्षा एवं समानता लाने में मदद मिल रही है।
वर्तमान में पंचायत की राज्य संचित निधि से व्यय राशि आवंटित की जाती है, लेकिन इसकी सही जानकारी आम लोगों तक नहीं पहुंच पाती। ई-पंचायत के माध्यम से वित्तीय अपारदर्शिता को समाप्त किया जा सकता है। इसका सकारात्मक परिणाम लोगों के प्रति व्यक्ति आय में देखने को मिलेगा। ई-पंचायत तकनीक द्वारा लोगों में राजनीतिक अधिकार के प्रयोग की शिक्षा से सामाजिक जागरूकता आएगी, जिससे लोगों में नागरिक गुणों का विकास होगा,जनता और शासक में एक-दूसरे की परेशानियों को समझने की भावना उत्पन्न होगी, जिससे परस्पर सहयोग का विचार उत्पन्न होगा। यह सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए बहुत बड़ी क्रांति होगी। ई-पंचायत के माध्यम से भूमि संबंधी दस्तावेजों, नक्शों एवं सरकारी कानूनों और आदेशों की किसानों को सहज प्राप्ति कराई जा सकती है, जिससे लोगों को समान रूप से आर्थिक लाभ एवं न्याय मिल सके।
ई-पंचायत की सफल बनाने के लिए जरूरी कदम
ई-पंचायत के द्वारा कोई भी व्यक्ति कृषि सम्बन्धी जानकारी एवं मौसम सम्बन्धी जानकारी हासिल कर सकता है और उस सूचना के अनुसार कार्रवाही की जा सकती है। ई-मेल के द्वारा जनता अपनी शिकायत सरकार से कर सकती है और समाधान तथा जानकारियां प्राप्त कर सकती हैं। ई-पंचायत सरकार द्वारा पंचायत को पिछड़े युग से सूचना युग तक पहुंचाने के लिए किया जाने वाला प्रयास है। |