विकलांगता का सामाजिक प्रभाव
व्यावहारिक, शारीरिक और सामाजिक स्तर पर बाधाओं की एक विस्तृत शृंखला का सामना करना। विकलांगता को एक सामाजिक कलंक के रूप में देखना। विकलांगता को पूर्व जन्म के पाप या कर्म का कारण मानना। विकलांगता के कारण माता-पिता, बच्चों और भाई-बहन को भी इस नकारात्मक दृष्टिकोण, सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलना पड़ता है। आत्मसम्मान में कमी आना। मजबूत लोगों द्वारा प्रयोग की जाने वाली भाषा से विकलांगों में हीनता की भावना।