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ऑपरेशन ग्रीन स्कीम
प्रश्नः ऑपरेशन ग्रीन स्कीम की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
(डॉ. कलानिधि वीरास्वामी, कृपानाथ मल्लाह एवं अन्य द्वारा 9 मार्च 2021 को लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली द्वारा दिया गया उत्तरः वर्ष 2018-19 के लिए बजट घोषणा के अनुसरण में मंत्रालय ने नवंबर 2018 में 500 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) मूल्यशृंखला के समेकित विकास के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘‘ऑपरेशन ग्रीन्स’’ का शुभारंभ किया।
- अल्पावधि मूल्य स्थिरीकरण उपायों के अंतर्गत, आधिक्य स्थिति के दौरान परिवहन और भंडारण के लिए 50% की दर से, उत्पादन अधिशेष क्षेत्रों से उपभोग केंद्रों तक (टीओपी) फसलों को निकालने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अलावा आत्म-निर्भर भारत अभियान के अनुसरण में टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) फसलों से यह सब्सिडी छः महीने की अवधि के लिए कुल 41 अधिसूचित बागवानी फसलों (टोटल) तक बढ़ा दी गई है। यदि कीमतें पिछले तीन वर्षों के लिए औसत कीमतों से नीचे या पिछले साल के मूल्य से 15% कम हैं। इस योजना को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
- इस योजना के तहत 50% की दर से परिवहन सब्सिडी सभी फलों और सब्जियों के लिए 12 अक्टूबर, 2020 से किसान रेल योजना में दी गई थी। पूर्वोत्तर क्षेत्र और हिमालयी क्षेत्र राज्यों से हवाई मार्ग से ले जाए जा रहे सभी फलों और सब्जियों को परिवहन सब्सिडी प्रदान करने और जम्मू-कश्मीर से सेब के परिवहन और/या भंडारण के लिए नेफेड के माध्यम से पात्र संस्थाओं को 50% सब्सिडी प्रदान करने के लिए योजना दिशा-निर्देशों में और संशोधन किया गया।
- दीर्घावधि एकीकृत मूल्यशृंखला विकास के अंतर्गत प्रमुख उत्पादक राज्यों में चिन्हित समूहों में टमाटर, प्याज और आलू के लिए एकीकृत मूल्यशृंखला विकास परियोजनाओं की स्थापना के लिए पात्र परियोजना लागत के 50% (एफपीओ और एससी/एसटी के मामले में 70%) की दर से अनुदान-सहायता प्रदान की जाती है, बशर्ते कि अधिकतम 50 करोड़ रुपये प्रति परियोजना हो।
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