गंगा बेसिन में उष्णकटिबंधीय तूफानों की तीव्रता में वृद्धि का अनुमान
- 16 Sep 2023
ब्रिटेन के न्यूकैसल विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए एक शोध में कहा गया है कि वर्ष 2050 के दशक तक, गंगा के तटीय क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय तूफानों की तीव्रता करीब 20 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यह शोध हाल ही में जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया।
रिसर्च के मुख्य बिंदु
- भारत के पूर्वी तट के साथ, बांग्लादेश में निचले क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है।
- गंगा और मेकांग नदियों के निचले डेल्टा क्षेत्रों में तूफानों की तीव्रता में वृद्धि किन्तु तूफानों की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आने का अनुमान है।
- 2010 की शुरुआत तक इन दोनों ही नदी बेसिनों में आने वाले उष्णकटिबंधीय तूफानों की आवृत्ति बढ़ गई थी।
- अगले 27 वर्षो में इनकी आवृत्ति औसतन 50 प्रतिशत से अधिक घट जाएगी, जबकि 2050 तक गंगा बेसिन में आने वाले तूफान पहले से करीब 19.2 प्रतिशत ज्यादा शक्तिशाली होंगे।
- इन शक्तिशाली तूफानों की वजह से लोगों को तेज हवाओं, भारी बारिश और अन्य महत्वपूर्ण प्रभावों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें बाढ़ भी शामिल है।
- गंगा और मेकांग बेसिन एशिया की दो महत्वपूर्ण नदी प्रणालियों का हिस्सा हैं, जो इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- गंगा बेसिन भारत, तिब्बत (चीन), नेपाल और बांग्लादेश में करीब 10,86,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है।
- मेकांग नदी हिमालय के पठार से निकलती है तथा म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और दक्षिणी वियतनाम से होते हुए दक्षिण चीन सागर से मिल जाती है।
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