चंद्रयान-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत
- 24 Aug 2023
23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पूर्व चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देश रूस, अमेरिका और चीन हैं।
- इस सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला विश्व का पहला देश भी बन गया है।
- चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर इसमें से बाहर निकल कर चंद्रमा की सतह पर घूमकर शोध करेगा और जानकारी जुटाएगा।
- 14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले चंद्रयान-3 ने 40 दिनों में अपनी यात्रा पूरी की है।
चंद्रयान-3 के मुख्य रूप से तीन उद्देश्य निर्धारित हैं-
- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना,
- चंद्रमा की सतह मौजूद रेजोलिथ पर लैंडर को उतारना और घुमाना,
- लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना।
रोवर पर लगे दो पेलोड्स के कार्य
- लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप:- यह चांद की सतह पर मौजूद रसायनों की मात्रा और गुणवत्ता का अध्ययन करेगा, साथ ही खनिजों की खोज करेगा ।
- अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर :- यह एलिमेंट कंपोजिशन का अध्ययन करेगा। जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा। इनकी खोज लैंडिंग साइट के आस-पास चांद की सतह पर की जाएगी।
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