ओडिशा में 1300 साल पुराना बौद्ध स्तूप मिला
- 13 Mar 2023
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हाल ही में पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास एक 1,300 साल पुराने बौद्ध स्तूप की खोज की है। खनन कार्य के दौरान स्तूप की खोज की गई थी।
- यहां खोंडालाइट पत्थर (Khondalite stone) का खनन होता है। इस पत्थर का उपयोग पुरी जगन्नाथ मंदिर के निर्माण में किया गया था।
- यह स्तूप 4.5 मीटर ऊँचा है और प्रारंभिक आकलन से पता चला है कि यह 7वीं या 8वीं शताब्दी का है।
- खोजा गया स्तूप 4.5 मीटर लंबा है जो7वीं या 8वीं शताब्दी का है।
- इस स्तूप की खोज ओडिशा के प्रभादी स्थल में हुई थी। प्रभादी स्थल एक प्रमुख बौद्ध परिसर ललितागिरी के पास स्थित है। ललितागिरी में कई स्तूप, बुद्ध चित्र और मठ हैं।
- एक पत्थर के ताबूत के अंदर बुद्ध के अवशेष वाले एक विशाल स्तूप की खोज के कारण ललितगिरि बौद्ध स्थल को तीन साइटों (ललितगिरि, रत्नागिरि और उदयगिरि) में सबसे पवित्र माना जाता है।
खोंडालाइट :- यह एक प्रकार की कायांतरित चट्टान है जो भारत के पूर्वी घाट में विशेष रूप से ओडिशा राज्य में पाई जाती है। खोंडालाइट मुख्य रूप से फेल्डस्पार, क्वार्ट्ज़ और अभ्रक से बनी है एवं गुलाबी-ग्रे रंग इसकी विशेषता है। इसे सामान्यतः निर्माण में एक सजावटी पत्थर के रूप में उपयोग किया जाता है।
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