इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम-2022
- 29 Dec 2022
11 दिसंबर, 2022 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री ने 'इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम-2022' (India Internet Governance Forum-2022 [IIGF-2022]) के समापन समारोह को संबोधित किया।
- इंडियाइंटरनेटगवर्नेंस फोरम-2022 की बैठक 9-11 दिसंबर, 2022 के मध्य आयोजित की गई।
- बैठक की थीम: “भारत के सशक्तीकरण के लिये प्रौद्योगिकी के दशक का उपयोग” (Leveraging Techade for Empowering Bharat)।
- आयोजन का उद्देश्य: डिजिटलीकरण के रोडमैप पर चर्चा करना तथा इंटरनेट गवर्नेंस पर अंतरराष्ट्रीय नीति विकास में भारत की भूमिका को उजागर करना।
IIGF के संदर्भ में
- आरंभ: इसकी पहली बैठक वर्ष 2006 में आयोजित की गई थी।
- इसका गठन संयुक्त राष्ट्र स्थित इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (UN-based Internet Governance forum) के ट्यूनिस एजेंडा के IGF-पैराग्राफ 72 (GF-Paragraph 72) के अनुरूप किया गया है।
- इस प्रकार, इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IIGF) वास्तव में संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (UN-IGF) से जुड़ी एक भारतीय पहल है।
- उद्देश्य/कार्य: यह फोरम इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों के बारे में चर्चा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
- प्रकृति: यह फोरम इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों के विषय में चर्चा करने के लिए विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के लिए एक प्रकार के 'इंटरनेट गवर्नेंस नीति विचार-विमर्श मंच' (Internet Governance Policy Consultation Forum) के रूप में कार्य करता है।
भारत की इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थिति
- वर्तमान इंटरनेट क्षमता: भारत 800 मिलियन से अधिक उपयोगकर्त्ताओं के साथ विश्व का सबसे बड़ा इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet Connectivity) वाला देश है। साथ ही, भारत को विश्व के दूसरे सबसे बड़े ब्रॉडबैंड सदस्यता वाले देश तथा प्रति उपयोगकर्ता प्रतिमाह सर्वाधिक डेटा की खपत करने वाले देश के रूप में भी जाना जाता है।
- भविष्य की क्षमता: 5-जी तथा ‘भारत-नेट’ ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नेटवर्क परियोजना (Rural Broadband Connectivity Network Project) के तहत आगे चलकर 1.2 अरब भारतीय उपयोगकर्ता होंगे। इस तरह वैश्विक इंटरनेट में भारत सबसे बड़ी उपस्थिति का प्रतिनिधित्व करेगा।
- अन्य देशों को सहयोग: भारत, वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों के लिये भी इंटरनेट तक पहुंच में सुधार हेतु सहयोग कर रहा है। इनमें वे देश हैं जो अपनी अर्थव्यवस्थाओं के विकास में इन्टरनेट उपयोग तथा डिजिटलीकरण की कमी के कारण अर्थव्यवस्था को आवश्यक गति प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं।
- इंटरनेट के उपयोग एवं कनेक्टिविटी से किसी भी अर्थव्यवस्था को उत्पादकता, वित्तीय स्वतंत्रता और सूचना तक अधिक व्यापक पहुंच संबंधी लाभ प्राप्त होते हैं।
इंटरनेट गवर्नेंस
- अर्थ एवं परिभाषा: इंटरनेट गवर्नेंस को मुख्यतः सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज द्वारा साझा सिद्धांतों, मानदंडों, नियमों, निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और कार्यक्रमों की अपनी-अपनी भूमिकाओं में इंटरनेट प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- समन्वित रूप में इसके अंतर्गत तकनीकी मानकों के विकास एवं समन्वय, महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के संचालन तथा इंटरनेट से जुड़े सार्वजनिक नीति के मुद्दों को भी शामिल किया जाता है।
- इसके तहत वे प्रक्रियाएं भी शामिल की जाती हैं, जिनसे इंटरनेट के विकास और उपयोग को बढ़ावा मिलता है।
- इंटरनेट गवर्नेंस के क्षेत्र: इंटरनेट गवर्नेंस के अंतर्गत इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेसिंग (IP Addressing), डोमेन नेम सिस्टम (DNS), रूटिंग, तकनीकी नवाचार, मानकीकरण, सुरक्षा, सार्वजनिक नीति, गोपनीयता, कानूनी मुद्दे, साइबर मानदंड, बौद्धिक संपदा और कराधान संबंधी मुद्दे शामिल हैं।
- इंटरनेट गवर्नेंस के आयाम: इसके आयामों में भौतिक अवसंरचना, कोड या तार्किक तथ्य, विषय वस्तु तथा सुरक्षा संबंधी विषय आते हैं।