इसरो का शुक्र मिशन
- 31 May 2022
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने 4 मई, 2022 को शुक्र विज्ञान पर एक दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शुक्र मिशन (Venus mission) की संकल्पना की गई है तथा इसके लिए एक परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
उद्देश्य: सौर मंडल के सबसे गर्म ग्रह की सतह के निचले भाग का अध्ययन करना और 'सल्फ्यूरिक एसिड' के बादलों के रहस्यों को उजागर करना।
महत्वपूर्ण तथ्य: इसरो द्वारा इस मिशन को दिसंबर 2024 में लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है, जब पृथ्वी और शुक्र एक सीध में आ जाएंगे। अगर इस समय लॉन्चिंग होगी तो अंतरिक्ष यान को कम से कम प्रणोदक के साथ शुक्र की कक्षा में स्थापित किया जा सकता है।
- 'शुक्र' सूर्य से दूसरा ग्रह है। शुक्र को उसके द्रव्यमान, आकार और घनत्व के कारण ‘पृथ्वी की जुड़वा बहन’ कहा जाता है। समान शारीरिक बनावट के बावजूद, दोनों ग्रह एक-दूसरे से काफी अलग हैं।
- शुक्र में कार्बन डाइऑक्साइड से भरा एक घना, विषैला वातावरण है।
- शुक्र ग्रह को ‘भोर का तारा’ (Morning Star) व ‘सांझ का तारा’ (Evening Star) के नामों से भी जाना जाता है।
- यह सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है। शुक्र पर सतह का तापमान लगभग 900 डिग्री फारेनहाइट (लगभग 475 डिग्री सेल्सियस) है।
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