राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5
- 30 May 2022
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 5 मई, 2022 को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) की राष्ट्रीय रिपोर्ट जारी की।
(Image Source: https://indianexpress.com/)
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष: कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate: TFR) यानी प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या, एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है।
- भारत में केवल पांच राज्य हैं, जो 2.1 के प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर (replacement level of fertility) से ऊपर हैं। वे हैं बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) मणिपुर (2.17)।
- समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (Contraceptive Prevalence Rate) देश में 54% से बढ़कर 67% हो गई है।
- भारत में संस्थागत जन्म 79% से बढ़कर 89% हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 87% जन्म संस्थानों में होता है और शहरी क्षेत्रों में यह 94% है।
- एनएफएचएस-4 में 62% की तुलना में एनएफएचएस-5 में 12-23 महीने की उम्र के तीन-चौथाई (77%) से अधिक बच्चों का पूरी तरह से टीकाकरण किया गया है।
- पिछले चार वर्षों से भारत में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग (उम्र के अनुसार कम लंबाई) का स्तर 38% से 36% तक मामूली रूप से कम हो गया है। 2019-21 में शहरी क्षेत्रों (30%) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों (37%) में बच्चों में स्टंटिंग अधिक है।
- एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 के बीच, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन के उपयोग में (44% से 59% तक), बेहतर स्वच्छता सुविधाओं में (49% से 70% तक) तथा साबुन और पानी से हाथ धोने की सुविधा में (60% से 78% तक) काफी सुधार हुआ है।
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