इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स
- 26 May 2022
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह और जर्मनी के आर्थिक मामलों और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. रॉबर्ट हेबेक ने 2 मई, 2022 को 'इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स' (Indo - German Green Hydrogen Task Force) पर आशय की संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
(Image Source: https://alj.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: समझौते के तहत दोनों देश परियोजनाओं, विनियमों और मानकों, व्यापार और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) परियोजनाओं के लिए सक्षम ढांचे के निर्माण के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग, भंडारण और वितरण में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए एक ‘इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स’ का गठन करेंगे।
- भारत और जर्मनी ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कार्बन मुक्त करने के साझा लक्ष्य के साथ एक 'राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए प्रतिबद्धता की है। सामान्य दीर्घकालिक लक्ष्य 'उत्सर्जन को कम करना' और 'पर्यावरण की रक्षा करना' है।
- ग्रीन हाइड्रोजन और/या इसके व्युत्पन्न (derivatives) जैसे- ग्रीन अमोनिया/ग्रीन मेथनॉल का व्यापार इस सहयोग की आधारशिला बनाएगा।
- संयुक्त अनुसंधान, लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स, इनोवेशन क्लस्टर्स और हाइड्रोजन हब में संस्थागत सहयोग दोनों देशों के सहक्रियात्मक प्रयासों को उत्प्रेरित करेगा।
- भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ भारत ने 'राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन' शुरू किया है।
- जर्मनी ने भी हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी 'राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीति' विकसित की है।
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