दूसरा भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन
- 13 May 2022
4 मई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में 'दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन' (2nd India-Nordic Summit) में भाग लिया।
(Image Source: https://twitter.com/mygovindia/)
महत्वपूर्ण तथ्य: डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन, आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलीना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने भी शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- इस शिखर सम्मेलन में स्टॉकहोम में 2018 में आयोजित पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से भारत-नॉर्डिक संबंधों की प्रगति की समीक्षा की गई।
- प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्डिक कंपनियों को विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना सहित ब्लू इकोनॉमी क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
- आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक अच्छी रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
- नॉर्डिक देशों ने एक संशोधित और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया।
- प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक देशों के 'सोवेरेन वेल्थ फंड' (sovereign wealth funds) को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
- भारत और नॉर्डिक देशों ने 2024 तक काम पूरा करने की महत्वाकांक्षा के साथ प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि पर बातचीत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए 5.2) में ऐतिहासिक निर्णय के अनुपालन के लिए प्रतिबद्धता की है।
- नॉर्डिक देशों के साथ भारत का व्यापार 5 बिलियन डॉलर से अधिक (2020-21 में) है और संचयी एफडीआई 3 बिलियन डॉलर से अधिक (अप्रैल 2000-मार्च 2021 तक) है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे