भारत की पी-75आई परियोजना
- 10 May 2022
फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप (Naval Group) ने 3 मई, 2022 को कहा कि वह एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम से संबंधित रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में उल्लिखित शर्तों के कारण 'भारत की पी-75आई परियोजना' (India’s P-75I submarine project) का हिस्सा नहीं बन पाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस पी-75आई परियोजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए बेहतर सेंसर एवं हथियारों से लैस और एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम (AIP) के साथ छ: पारंपरिक पनडुब्बियों का घरेलू स्तर पर निर्माण किया जाना था।
- जून 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने पी-75आई परियोजना को मंजूरी दी थी और दो शॉर्टलिस्ट की गई भारतीय कंपनियों - निजी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो और राज्यसंचालित मझगांव डॉक्स लिमिटेड को आरएफपी जारी किए गए थे।
- आरएफपी की शर्तों के अनुसार फ्यूल सेल एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम समुद्र के लिए सिद्ध (sea proven) होने चाहिए, लेकिन नेवल ग्रुप के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि फ्रांसीसी नौसेना इस तरह की प्रणोदन प्रणाली का उपयोग नहीं करती है
- जून 1999 में, सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 2030 तक 24 पनडुब्बियों का स्वदेशी रूप से निर्माण करनेऔर शामिल करने के लिए नौसेना के लिए 30-वर्षीय योजना को मंजूरी दी थी।
- पहले चरण में, उत्पादन की दो लाइनें स्थापित की जानी थीं - पहली, पी-75 (P-75) तथा दूसरी पी -75 आई (P-75I)। प्रत्येक परियोजना को छ: पनडुब्बियों का निर्माण करना था।
- पी-75 के तहत अंतिम पनडुब्बी वाग्शीर को अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया था, जिसे 2023 के अंत तक कमीशन किया जाएगा।
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