जलवायु संबंधी भ्रामक जानकारी
- 02 May 2022
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की नवीनतम मूल्यांकन रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर ने घोषणा की है कि वह जलवायु परिवर्तन पर भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाएग।
- 22 अप्रैल, 2022 को पृथ्वी दिवस पर ट्विटर की घोषणा उसके नेटवर्क पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रचार अभियानों को रोकने के प्रयास का हिस्सा है।
- ट्विटर ने कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर जलवायु इनकारवाद (climate denialism) का मुद्रीकरण नहीं किया जाना चाहिए और "गलत बयानी वाले विज्ञापनों को जलवायु संकट के बारे में महत्वपूर्ण बातचीत से अलग नहीं होना चाहिए"।
- 2019 में, ट्विटर ने 2022 के अंत तक अपने डेटा केंद्रों में 100 प्रतिशत कार्बन-न्यूट्रल पावर सोर्सिंग (carbon-neutral power sourcing) हासिल करने की योजना साझा की।
- अक्टूबर 2021 में, प्रौद्योगिकी दिग्गज गूगल ने कुछ ऐसा ही किया था, जब उसने गूगल विज्ञापनदाताओं, प्रकाशकों और यूट्यूब सृजनकर्ताओं के लिए एक नई मुद्रीकरण नीति की घोषणा की थी।
- गूगल की नीति ऐसी सामग्री के विज्ञापनों और मुद्रीकरण को प्रतिबंधित करती है, जो "जलवायु परिवर्तन के अस्तित्व और कारणों के बारे में अच्छी तरह से स्थापित वैज्ञानिक सहमति" का खंडन करती है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे