किंजल मिसाइल
- 07 Apr 2022
रूस ने मार्च 2022 को युद्ध में अगली पीढ़ी के हथियारों का पहला इस्तेमाल किया और यूक्रेन में एक हथियार डिपो पर हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं।
- महत्वपूर्ण तथ्य: रूस की नई किंजल (डैगर) हाइपरसोनिक मिसाइल एक परमाणु-सक्षम हवा से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल है।
- यह ध्वनि की गति से 10 गुना अधिक उड़ान भरती है और वायु-रक्षा प्रणालियों को मात दे सकती है। किंजल का अर्थ है 'खंजर' (dagger)।
- मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 1,500-2,000 किमी है और यह परमाणु पेलोड या 480 किलोग्राम के पारंपरिक पेलोड को ले जाने में सक्षम है। किंजल की लंबाई 8 मीटर, व्यास 1 मीटर और लॉन्च वजन लगभग 4,300 किलोग्राम है।
- यह पहली बार है जब रूस ने युद्ध में उच्च-सटीकता वाले हथियार का उपयोग करने की बात स्वीकारी है।
- किंजल नए हथियारों की एक शृंखला में से एक था, जिसका अनावरण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2018 में अपने राष्ट्र संबोधन में किया था।
- हाइपरसोनिक हथियार: इन्हें आम तौर पर तेज, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले और अत्यधिक पैंतरेबाजी करने वाले चुस्त-दुरुस्त हथियारों के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- बैलिस्टिक मिसाइलों के विपरीत, हाइपरसोनिक हथियार एक पूर्व निर्धारित, धनुषाकार प्रक्षेपवक्र का पालन नहीं करते हैं और अपने गंतव्य के रास्ते पर पैंतरेबाजी कर सकते हैं।
- 'हाइपरसोनिक' ध्वनि की तुलना में पांच गुना तेज हथियार होता है, जिनकी समुद्र तल पर लगभग 760 मील (1,220 किलोमीटर) प्रति घंटा स्पीड है, जिसका अर्थ है कि ये हथियार कम से कम 3,800 मील प्रति घंटे की यात्रा कर सकते हैं। इन हथियारों के दो मुख्य प्रकार हैं - ग्लाइड वाहन और क्रूज मिसाइल।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे