अपशिष्ट निपटान बुनियादी ढांचा
- 31 Mar 2022
23 मार्च, 2022 को 'जल संसाधन पर संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट' लोक सभा में पेश की गई।
(Image Source: https://ipcaworld.co.in/)
महत्वपूर्ण तथ्य: इस रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा प्राप्त करने वाले केवल 12% गांवों ने स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत अपना लक्ष्य हासिल किया है।
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन बुनियादी ढांचे का कार्यान्वयन भी लक्ष्य से पीछे रह गया है, जिसमें 7 फरवरी तक लक्षित गांवों के केवल 22% को 2021-22 के दौरान कवर किया गया था।
- अपने पहले चरण में, स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार में शौचालय उपलब्ध कराना था और 2019 में इस लक्ष्य को हासिल करने का दावा किया गया है।
- हालांकि, दूसरा चरण, जिसमें अधिक जटिल समुदाय-स्तरीय बुनियादी ढांचा शामिल है, लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पाया है।
- दूसरा चरण ठोस कचरे के संग्रह और पृथक्करण की सुविधाओं, बायोडिग्रेडेबल कचरे के लिए कम्पोस्ट गड्ढे और बायोगैस संयंत्र, ग्रेवाटर प्रबंधन, सोख्ता गड्ढे और मल कीचड़ के उपचार पर केन्द्रित है।
जल जीवन मिशन: समिति ने जल जीवन मिशन में कम धन के उपयोग का भी जिक्र किया है।
- बजट में जल जीवन मिशन के लिए 50,011 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, लेकिन योजना के लिए संशोधित अनुमानों को घटाकर 45,011 करोड़ रुपए कर दिया गया था।
- अब तक योजना के लिए किया गया वास्तविक व्यय केवल 28,238 करोड़ रुपए है।
- अभी तक केवल तीन राज्यों - हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय ने केंद्र से अपने आवंटन का पूरी तरह से उपयोग किया है।
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