भारत टीबी रिपोर्ट 2022
- 31 Mar 2022
24 मार्च, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ‘भारत टीबी रिपोर्ट 2022’ (India TB Report 2022) के अनुसार भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में तपेदिक के मामलों में 19% की तेज वृद्धि दर्ज की है।
(Image Source: https://www.umu.se/)
महत्वपूर्ण तथ्य: 2020 में 16,28,161 टीबी रोगियों के मुकाबले 2021 के दौरान अधिसूचित टीबी रोगियों (नए और पुराने) की कुल संख्या 19,33,381 है।
- सरकार ने 2025 तक भारत को तपेदिक मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता की है, जिसे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और उन्नत उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करके हासिल किया जाएगा।
- सरकार ने राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जारी की है, जो टीबी के वास्तविक रोग प्रसार को जानने के लिए 2019 से 2021 तक आयोजित की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार 2019 और 2020 के बीच टीबी के सभी रूपों के कारण मृत्यु दर में 11% की वृद्धि हुई है।
फुफ्फुसीय तपेदिक: सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 साल और उससे अधिक आयु वर्ग में माइक्रोबायोलॉजिकल रूप से पुष्ट की गई फुफ्फुसीय तपेदिक (Pulmonary Tuberculosis: PTB) की व्यापकता 316 / लाख आबादी थी।
- इसमे दिल्ली में 534 / लाख आबादी के साथ सर्वाधिक PTB मामले और केरल में 115 / लाख आबादी के साथ सबसे कम PTB मामले थे।
- वृद्धावस्था समूहों, पुरुषों, कुपोषित, धूम्रपान करने वालों, शराबियों और ज्ञात मधुमेह रोगियों में उच्च PTB प्रसार देखा गया।
अन्य तथ्य: वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में 2020 में टीबी के सभी रूपों के अनुमानित मामले प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 188 थे।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे