अहीर
- 31 Mar 2022
भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को लेकर अहीर समुदाय के सदस्य 4 फरवरी, 2022 से गुड़गांव में खेरकीदौला टोल प्लाजा के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
- दक्षिण हरियाणा के अहीर समुदाय के नेताओं के समूह 'संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा' के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
- प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि भारतीय सेना में कई जाति-आधारित रेजिमेंट (सिख, गोरखा, जाट, गढ़वाल, राजपूत) है। चूंकि सेना में अहीरों का बड़ा प्रतिनिधित्व था, इसलिए वे इसी तरह अहीरों के लिए एक अलग रेजिमेंट चाहते हैं।
- 1962 में रेजांग ला के युद्ध में 120 शहीदों में से 114 अहीर थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अहीरों को अन्य समुदायों की तरह मान्यता नहीं मिली है।
- अहीर (Ahir or Aheer) भारत में एक समुदाय है, जिसके अधिकांश सदस्यों को यादव समुदाय के रूप में पहचाना जाता है। अहीरों का पारंपरिक व्यवसाय पशुपालन और कृषि है।
- अहीरवाल क्षेत्र (गुड़गांव, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़) में अहीरों के लिए एक अलग रेजिमेंट का गठन समुदाय की लंबे समय से मांग है।
- यदुवंशी अहीर समुदाय के लोगों की दक्षिण हरियाणा, उत्तर-पूर्वी राजस्थान और दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में अच्छी खासी आबादी है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे