हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार
- 29 Mar 2022
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च, 2022 को राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में छात्राओं द्वारा हिजाब (सिर पर दुपट्टा) पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा है।
महत्वपूर्ण तथ्य: कोर्ट का मानना है कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और इसलिए, संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा गारंटीकृत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत संरक्षित नहीं है।
- मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की पीठ ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है।
- पीठ ने उडुपी और अन्य जिलों में हिजाब को लेकर विवाद के बाद कर्नाटक शिक्षा अधिनियम, 1983 के प्रावधानों के तहत स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में यूनिफॉर्म के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करने वाले कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी, 2022 के आदेश की वैधता को भी बरकरार रखा है।
- कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने यह तर्क दिया है कि प्रतिबंध व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित अनुच्छेद 19 (1) (ए) और अनुच्छेद 21 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है।
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