डे-लाइट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी
- 24 Mar 2022
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और भवन ऊर्जा दक्षता में सुधार करने के लिए नवीनतम 'डे-लाइट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी' (Daylight Harvesting Technology) में एक अद्वितीय स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: डेलाइट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजीज के लिए भारत में एकमात्र स्टार्ट-अप कंपनी 'स्काईशेड डेलाइट्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद’ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक सांविधिक निकाय 'प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड' के साथ एक 3 मार्च, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड स्काईशेड कंपनी को 24x7 आधार पर बेसमेंट रोशनी के लिए नई तकनीक विकसित करने के लिए 5 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान करेगा।
- स्काईशेड स्टार्ट-अप अब दो और नवीन समाधानों के साथ आया है, जिनका नाम 'मानव केंद्रित-जलवायु अनुकूलित गृहमुख' (Human centric-climate adaptive building facades) और 'केंद्रीय एकीकृत डेलाइटिंग सिस्टम' (Central integrated daylighting system) है।
- ‘डेलाइटिंग’ कमरों के अंदर प्राकृतिक सूर्य का प्रकाश लाने की तकनीक है। डेलाइट हार्वेस्टिंग समकालीन इमारतों के लिए टिकाऊ प्रकाश डिजाइन में उपयोग की जाने वाली सबसे उन्नत तकनीकों में से एक है।
- प्रस्तावित तकनीक एक इमारत के लिए भारी मात्रा में धूप का उपयोग करती हैं और रोशनी उपलब्ध कराती है, जो विद्युत प्रकाश ऊर्जा खपत को 70-80% तक कम कर देती है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वर्ष 1996 में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ आयातित प्रौद्योगिकी को अपनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
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