खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन
- 21 Mar 2022
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9 मार्च, 2022 को खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की दूसरी अनुसूची में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
- महत्वपूर्ण तथ्य: यह संशोधन ग्लौकोनाइट, पोटाश, एमराल्ड, प्लेटिनम समूह की धातुओं, एंडेलूसाइट (Andalusite), सिलिमेनाइट (Sillimanite) और मॉलिब्डेनम के संबंध में रॉयल्टी की दर को स्पष्ट करने के लिए है।
- यह देश में पहली बार ग्लौकोनाइट, पोटाश, एमराल्ड, प्लेटिनम समूह की धातुओं, एंडेलूसाइट, सिलिमेनाइट ((Sillimanite) और मोलिब्डेनम के संबंध में खनिज ब्लॉकों की नीलामी सुनिश्चित करेगा।
- मंजूरी से देश की अर्थव्यवस्था के लिए कई महत्वपूर्ण खनिजों के संबंध में आयात का विकल्प तैयार होगा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी।
- यह खनिजों के स्थानीय उत्पादन के माध्यम से देश की विदेशी निर्भरता को कम करेगा।
- खनिज पॉलीमॉर्फ्स (polymorphs) जैसे- एंडेलूसाइट,सिलिमेनाइट और कायनाइट (Kyanite) के लिए रॉयल्टी की दर समान स्तर पर रखी है।
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 को पहले 2015 और 2021 में संशोधित किया गया था।
- समान रासायनिक संरचना लेकिन विभिन्न क्रिस्टल संरचना वाले खनिज 'पॉलीमॉर्फ्स' कहलाते हैं।
- ग्लौकोनाइट और पोटाश जैसे खनिजों का उपयोग कृषि में उर्वरक के रूप में किया जाता है। प्लेटिनम समूह वाली धातुएं उच्च मूल्य की धातु हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्योगों और नए नवोन्मेषी एप्लीकेशन में किया जाता है। एंडलूसाइट, मॉलिब्डेनम जैसे महत्त्वपूर्ण खनिज उद्योगों में इस्तेमाल किये जाते हैं।
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