नारी शक्ति पुरस्कार
- 19 Mar 2022
8 मार्च, 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने वर्ष 2020 और 2021 के लिये 29 हस्तियों को प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कारों से सम्मानित किया।
(Image Source: https://newsonair.com/)
- महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा हर साल व्यक्तिगत और संस्थानों (Individual and institutional level) को महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में योगदान के सम्मान में नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देते हैं।
- प्रत्येक विजेता को पुरस्कार के रूप में प्रमाणपत्र और दो लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है।
नारी शक्ति पुरस्कार 2020: अनिता गुप्ता (बिहार - सामाजिक उद्यमशीलता), उषाबेन दिनेशभाई वसावा (गुजरात - जैविक किसान और जनजातीय स्वयंसेवी), नासिरा अख्तर (जम्मू एवं कश्मीर - नवोन्मेषी - पर्यावरण संरक्षण), संध्या धर (जम्मू एवं कश्मीर - समाज सेवी), निवृत्ति राय (कर्नाटक- कंट्री हेड, इंटेल इंडिया), टिफेनी बरार (केरल - समाजसेवी - दृष्टि बाधितों के लिये कार्य), पद्मा यांगचान (लद्दाख - लद्दाख क्षेत्र में भूली-बिसरी पाक कला और वस्त्र को दोबारा जीवित करना), जोधाइया बाई बैगा (मध्य प्रदेश - जनजातीय बैगा चित्रकार), सायली नंदकिशोर अगवाने (महाराष्ट्र -डाउन सिंड्रोम से पीड़ित कथक नृत्यांगना), वनिता जगदेव बोराडे (महाराष्ट्र - सांपों को बचाने वाली पहली महिला बचावकर्ता), मीरा ठाकुर (पंजाब - सिक्की ग्रास कलाकार), इला लोध (मरणोपरान्त) (त्रिपुरा - प्रसूति विज्ञानी और स्त्री रोग विशेषज्ञ), आरती राणा (उत्तर प्रदेश - हथकरघा बुनकर और शिक्षक) और जया मुथू, तेजम्मा (संयुक्त रूप से) (तमिलनाडु - कलाकार - टोडा कढ़ाई)।
नारी शक्ति पुरस्कार 2021:सथुपति प्रसन्ना श्री (आंध्र प्रदेश - भाषा-विज्ञानी - अल्पसंख्यक जनजातीय भाषा का संरक्षण), तागे रीता ताखे (अरुणाचल प्रदेश - उद्यमी), मधुलिका रामटेक (छत्तीसगढ़ - समाज सेवी), निरंजनाबेन मुकुलभाई कालार्थी (गुजरात - लेखिका और शिक्षाशास्त्री), पूजा शर्मा (हरियाणा - किसान और उद्यमी), अंशुल मल्होत्रा (हिमाचल प्रदेश - बुनकर), शोभा गस्ती (कर्नाटक - समाज सेवी - देवदासी प्रथा उन्मूलन के लिये कार्य), राधिका मेनन (केरल - कप्तान मर्चेंट नेवी - आईएमओ द्वारा समुद्र में असाधारण वीरता दिखाने के लिये पुरस्कृत पहली महिला), कमल कुम्भार (महाराष्ट्र - सामाजिक उद्यमी), श्रुति महापात्रा (ओडिशा - दिव्यांगजन अधिकार कार्यकर्ता), बतूल बेगम (राजस्थान - मांड और भजन लोक गायन), तारा रंगास्वामी (तमिलनाडु - मनोचिकित्सिक और शोधकर्ता), नीरजा माधव (उत्तर प्रदेश - हिन्दी लेखिका - ट्रांसजेंडरों और तिब्बती शरणार्थियों के लिये कार्य) और नीना गुप्ता (पश्चिम बंगाल - गणितज्ञ)।