भारत के चारों ओर बढ़ रही समुद्री हीटवेव
- 14 Feb 2022
जेजीआर ओशन्स (JGR Oceans) जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत के आसपास समुद्री हीटवेव (Marine heatwaves) में वृद्धि हो रही है।
महत्वपूर्ण तथ्य: समुद्री हीटवेव समुद्र में अत्यधिक उच्च तापमान की अवधि होती है। ये घटनाएँ प्रवाल विरंजन, समुद्री घास के विनाश से जुड़ी हैं, जो मत्स्य पालन क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
- सर्वेक्षण से पता चला है कि तमिलनाडु तट के पास मन्नार की खाड़ी में 85% प्रवाल मई 2020 में समुद्री हीटवेव के बाद प्रक्षालित (bleached) हो गए थे।
- पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र ने प्रति दशक लगभग 1.5 घटनाओं की दर से समुद्री हीटवेव में सबसे बड़ी वृद्धि का अनुभव किया, इसके बाद प्रति दशक 0.5 घटनाओं की दर से बंगाल की उत्तरी खाड़ी का स्थान है।
- 1982 से 2018 तक, पश्चिमी हिंद महासागर में कुल 66 समुद्री हीटवेव की घटनाएं हुईं, जबकि बंगाल की खाड़ी में 94 घटनाएं हुईं।
- पश्चिमी हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में समुद्री हीटवेव ने मध्य भारतीय उपमहाद्वीप में शुष्कन की स्थिति को बढ़ा दिया है।
- इसी प्रकार, बंगाल की उत्तरी खाड़ी में गर्म हवाओं की प्रतिक्रिया में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- यह पहली बार है कि एक अध्ययन ने समुद्री हीटवेव और वायुमंडलीय परिसंचरण और वर्षा के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रदर्शन किया है।
- आमतौर पर, भूमि पर हीटवेव भारत के उत्तर और उत्तर-पश्चिम और तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों से जुड़ी होती हैं।
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