चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021
- 27 Dec 2021
21 दिसंबर, 2021 को संसद द्वारा मतदाता सूची को आधार डेटाबेस से जोड़ने वाला ‘चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021’ पारित किया गया।
(Image Source: https://thewire.in/)
महत्वपूर्ण तथ्य: विधेयक कुछ चुनावी सुधारों को लागू करने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 और जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 में संशोधन करता है।
- 1950 का अधिनियम चुनावों के लिए सीटों के आवंटन और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन, मतदाताओं की योग्यता और मतदाता सूची तैयार करने का प्रावधान करता है। 1951 का अधिनियम चुनावों के संचालन और चुनावों से संबंधित अपराधों और विवादों का प्रावधान करता है।
विधेयक के प्रावधान: यह विभिन्न स्थानों पर एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नामांकन की जांच के लिए मतदाता सूची को आधार संख्या से जोड़ने का प्रावधान करता है।
- विधेयक में मतदाता को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर एक कैलेंडर वर्ष में नामांकन के लिए चार अवसर देने का भी प्रयास किया गया है, जो 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को होगा।
- मतगणना, मतदान मशीनों और मतदान संबंधी सामग्री का भंडारण और सुरक्षा बलों और मतदान कर्मियों के आवास हेतु भी परिसर का उपयोग किया जा सकता है।
- कानून को लैंगिक रूप से तटस्थ बनाने के लिए सेवा मतदाता यानी सर्विस वोटर्स के लिए 'पत्नी' के स्थान पर 'जीवन-साथी' शब्द का प्रयोग किया जाएगा। यह महिला सशस्त्र सेवा कर्मचारियों के पुरुष जीवन-साथी के खिलाफ किसी भी भेदभाव को दूर करने का प्रयास करता है।
अन्य तथ्य: सर्विस वोटर्स वे हैं, जो सशस्त्र बलों में सेवारत या भारत के बाहर किसी सरकारी पद पर कार्यरत या राज्य सशस्त्र पुलिस बल कर्मी जो उस राज्य के बाहर सेवारत हैं।
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