पुलिस आयुक्त प्रणाली
- 13 Dec 2021
मध्य प्रदेश सरकार ने 9 दिसंबर, 2021 को दो शहरों भोपाल और इंदौर में एक 'पुलिस आयुक्त प्रणाली' (police commissionerate system) लागू की है।
- वर्तमान में जिला स्तर पर लागू व्यवस्था में नियंत्रण की एक 'दोहरी व्यवस्था' (dual system) विद्यमान है। दोहरी कमान प्रणाली के तहत, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) एक जिले में शक्तियों और जिम्मेदारियों को साझा करते हैं। इस ढांचे के तहत, डीएम को गिरफ्तारी वारंट, लाइसेंस जारी करने का काम सौंपा जाता है, जबकि एसपी के पास अपराध की जांच करने और गिरफ्तारी करने की शक्तियां और जिम्मेदारियां होती हैं। 'दोहरी व्यवस्था' को पुलिस को डीएम के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
- पुलिस आयुक्त प्रणाली के तहत, पुलिस और मजिस्ट्रेट दोनों की शक्तियां आयुक्त के पास केंद्रित होती हैं, जो सीधे राज्य सरकार और राज्य पुलिस प्रमुख के प्रति जवाबदेह होती हैं।
- आयुक्त प्रणाली में, पुलिस आयुक्त (सीपी) एक एकीकृत पुलिस कमांड संरचना का प्रमुख होता है।
- आयुक्त प्रणाली के तहत पुलिस आयुक्त एक जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियों और कर्तव्यों का प्रयोग करता है, जो विनियमन, नियंत्रण और लाइसेंसिंग से संबंधित हैं। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि ऐसे पुलिस अधिकारियों के पास अब सीआरपीसी अधिनियम की धारा 144 लागू करते हुए निवारक गिरफ्तारी (preventive arrest) की शक्तियां हैं।
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