रेडियो कॉलर
- 30 Nov 2021
एनजीओ ‘वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड – इंडिया’ के सहयोग से असम के वन विभाग द्वारा नवंबर 2021 में असम के सोनितपुरजिले में पहली बार एक जंगली हाथी पर 'रेडियो-कॉलर' (radio-collar) फिट किया गया है।
- रेडियो कॉलर एक जीपीएस-सक्षम उपकरण है, जो हाथियों के ठिकाने के बारे में जानकारी प्रसारित कर सकता है। इनका वजन लगभग 8 कि.ग्रा. तक होता है और ये हाथी के गले में फिट किए जाते हैं।
- डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुसार, कॉलरिंग प्रक्रिया में एक उपयुक्त उम्मीदवार (आमतौर पर एक वयस्क हाथी) की पहचान करना, उसे शामक (sedative) के प्रयोग से शांत करना और जानवर को पुनर्जीवित करने से पहले हाथी के गले में एक कॉलर फिट करना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त, टीम किसी भी विशेष समय में हाथी की गतिविधि जैसे दौड़ने, चलने, खाने, पीने आदि को समझने के लिए कॉलर में एक्सेलेरोमीटर (accelerometer) भी जोड़ सकती है।
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