ब्रिजमेनाइट
- 22 Oct 2021
हाल ही में कुछ शोधकर्त्ताओं ने नागपुर के कटोल से प्राप्त एक उल्कापिंड का अध्ययन किया है। 22 मई, 2012 को कटोल शहर के पास एक बड़ी उल्का बौछार हुई थी।
- प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला था कि मेजबान चट्टान मुख्य रूप से एक ऑलिव ग्रीन खनिज 'ऑलिवाइन' (Olivine) से बना था। हमारी पृथ्वी के ऊपरी मेंटल में ऑलिवाइन सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- अब, इन उल्कापिंडों के टुकड़ों की संरचना का अध्ययन करके, शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के निचले मेंटल में लगभग 660 किमी. गहराई में इस प्रकार के खनिज के मौजूद होने की सम्भावना व्यक्त की है।
- अक्टूबर 2021 में प्रकाशित शोध पत्र PNAS में पहली बार 'ब्रिजमेनाइट' (bridgmanite) नामक खनिज की पहली प्राकृतिक घटना को रिपोर्ट किया गया है।
- खनिज का नाम 2014 में प्रोफेसर पर्सी डब्ल्यू ब्रिजमैन के नाम पर रखा गया था, जिन्हें भौतिकी में 1946 का नोबेल पुरस्कार मिला था।
- विभिन्न कम्प्यूटेशनल और प्रायोगिक अध्ययनों से पता चला है कि पृथ्वी के निचले हिस्से का लगभग 80% हिस्सा ब्रिजमेनाइट से बना है।
- इस उल्कापिंड के नमूने का अध्ययन करके, वैज्ञानिक यह समझ सकते हैं कि हमारी पृथ्वी के निर्माण के अंतिम चरणों के दौरान ब्रिजमैनाइट कैसे क्रिस्टलीकृत हुआ।
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