नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र तंत्र
- 06 Oct 2021
29 सितंबर, 2021 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र तंत्र (Renewable Energy Certificate (REC) mechanism) में संशोधन के लिए अपनी सहमति प्रदान की।
उद्देश्य: विद्युत परिदृश्य में उभरते परिवर्तनों के साथ 'तंत्र' को अनुरूप बनाना और नई नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना।
प्रस्तावित परिवर्तनों की मुख्य विशेषताएं: नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र की वैधता स्थायी होगी, यानी जब तक इसे बेचा नहीं जाता है।
- केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) की निगरानी में निगरानी तंत्र (surveillance mechanism) यह सुनिश्चित करेगा कि नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र की जमाखोरी न हो।
- सब्सिडी/रियायतों या किसी अन्य शुल्क की छूट के लाभार्थी को कोई नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा।
- REC तंत्र में व्यापारियों और द्विपक्षीय लेन-देन की अनुमति है।
- अखिल भारतीय बाजार आधारित नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र तंत्र को वर्ष 2010 में शुरू किया गया था।
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