अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण
- 29 Sep 2021
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा 10 सितंबर, 2021 को अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण (All India Debt & Investment Survey) जारी किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), ने जनवरी-दिसंबर, 2019 की अवधि के दौरान राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 77वें दौर के हिस्से के रूप में अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण पर नवीनतम सर्वेक्षण किया है।
- ग्रामीण भारत में कर्जदार परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है, 2012 और 2018 के बीच औसत कर्ज में 84% की बढ़ोतरी हुई है और कोविड-19 ने 2021 तक सभी घरों के कर्ज को दोगुना कर दिया है।
- ग्रामीण परिवारों का औसत कर्ज 2012 में 32,522 रुपये से बढ़कर जून 2018 तक 59,748 रुपये हो गया, जबकि शहरी परिवारों का औसत कर्ज इसी अवधि में 42% बढ़कर 1,20,336 रुपये हो गया।
- सर्वेक्षण किए गए परिवारों के बीच 'ऋणग्रस्तता की घटनाओं' (30 जून, 2018 की स्थिति के अनुसार ऋणी परिवारों का प्रतिशत) से मापी गई ऋणग्रस्त परिवारों की संख्या ग्रामीण भारत में पिछले सर्वेक्षण में 31.4% से बढ़कर 35% हो गई, जबकि शहरी परिवारों के लिए यह 22.4% पर स्थिर रही।
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