भारत का पहला स्वदेशी उच्च राख कोयला गैसीकरण आधारित मेथनॉल उत्पादन संयंत्र
- 20 Sep 2021
9 सितंबर, 2021 को नीति आयोग के अनुसार हैदराबाद स्थित भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के अनुसंधान और विकास केंद्र में भारत का पहला स्वदेशी ‘उच्च राख कोयला गैसीकरण आधारित मेथनॉल उत्पादन संयंत्र’ (High Ash Coal Gasification Based Methanol Production Plant) डिजाइन किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: बीएचईएल अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने 2016 में नीति आयोग की सहायता से मेथनॉल का उत्पादन करने के लिए भारतीय उच्च राख कोयला (जिस कोयले में राख की अधिक मात्रा होती है) गैसीकरण पर काम करना शुरू किया।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने 10 करोड़ रुपये के अनुदान के साथ इस परियोजना का समर्थन किया था।
- बीएचईल ने ‘1.2 टन प्रति दिन फ्लूइडाइज्ड बेड गैसीफायर’ (1.2 TPD Fluidized bed gasifier) का उपयोग करके उच्च राख वाले भारतीय कोयले से 0.25 टन प्रति दिन मेथनॉल बनाने की सुविधा को सफलतापूर्वक डिजाइन किया।
- इस उत्पादित कच्चे मेथनॉल की मेथनॉल शुद्धता 98 से 99.5 फीसदी के बीच है।
मेथनॉल: इसका उपयोग मोटर ईंधन के रूप में, जहाज के इंजनों को बिजली देने और पूरे विश्व में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने के लिए किया जाता है।
- मेथनॉल का उपयोग ‘डाइ-मिथाइल ईथर’ (di-methyl ether: DME) के उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है। यह एक तरल ईंधन है, जो डीजल की तरह होता है। मौजूदा डीजल इंजनों को डीजल की जगह DME का उपयोग करने के लिए मामूली रूप से बदलने की जरूरत होती है।
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