बहलर कछुआ संरक्षण पुरस्कार 2021
- 18 Sep 2021
सितंबर 2021 में भारतीय जीव-विज्ञानी शैलेंद्र सिंह को तीन 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' कछुआ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के लिए 'बहलर कछुआ संरक्षण पुरस्कार 2021' (Behler Turtle Conservation Award 2021) से सम्मानित किया गया है।
- ये प्रजातियां रेड-क्राउंड रूफ्ड टर्टल (बटागुर कछुगा), नॉर्दर्न रिवर टेरापिन (बटागुर बस्का), और ब्लैक सॉफ्टशेल टर्टल (निल्सोनिया नाइग्रिकन्स) हैं।
- रेड-क्राउंड रूफ्ड टर्टल को चम्बल में; नॉर्दर्न रिवर टेरापिन को सुंदरबन में; तथा ब्लैक सॉफ्टशेल टर्टल को असम के विभिन्न मंदिरों में संरक्षित किया जा रहा है।
पुरस्कार के बारे में: यह पुरस्कार टर्टल सर्वाइवल एलायंस (TSA), आईयूसीएन/स्पीशीज सर्वाइवल कमीशन कछुआ और मीठे पानी का कछुआ विशेषज्ञ समूह (TFTSG), टर्टल कंजर्वेंसी (TC) और कछुआ संरक्षण कोष (TCF) चार संगठनों द्वारा सह-प्रस्तुत किया गया है।
- इस पुरस्कार को 2006 में एंडर्स रोडिन और रिक हडसन द्वारा स्थापित किया गया था। इसे व्यापक रूप से कछुआ संरक्षण और जीव विज्ञान का "नोबेल पुरस्कार" माना जाता है।
- यह पुरस्कार ब्रोंक्स जू, वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी, न्यूयॉर्क में सरीसृप विज्ञान के पूर्व संग्रहाध्यक्ष जॉन बहलर की कछुआ संरक्षण विरासत से जुड़ा हुआ है।
- पहली बार 2006 में अमेरिका के एडवर्ड ओ. मोल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
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