सुखेत मॉडल
- 10 Sep 2021
29 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम में मधुबनी जिले के 'सुखेत मॉडल' (Sukhet model) की प्रशंसा की।
- सुखेत मॉडल का नाम बिहार के मधुबनी जिले के 'सुखेत गाँव' के नाम पर रखा गया है, जहाँ इसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर) के वैज्ञानिकों द्वारा लागू किया जा रहा है।
- इस परियोजना के तहत, कचरा और गोबर को घर-घर जाकर एकत्र किया जाता है, और फिर इसे वर्मीकम्पोस्ट (जैविक खाद) में बदल दिया जाता है।
- जैविक खाद की बिक्री से होने वाली आय से हर परिवार को हर दो महीने में कचरे और गाय के गोबर के बदले एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराया जाता है।
- सुखेत मॉडल न सिर्फ ‘स्वच्छता’ को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि गांव में ‘प्रदूषण से मुक्ति’ दिलाने के साथ ही किसानों को ‘जैविक खाद’ भी उपलब्ध करा रहा है।
- इस परियोजना से सुखेत गांव में 14 से 15 लोगों को रोजगार भी मिलता है।
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