जल-मौसम संबंधी आपदाएं
- 24 Aug 2021
अगस्त 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लोक सभा में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार ‘जल-मौसम संबंधी आपदाओं’ (Hydro-meteorological calamities) के कारण पिछले तीन वर्षों के दौरान, देश में लगभग 6,800 लोगों की जान चली गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: जल-मौसम संबंधी आपदाओं और खतरों में अचानक बाढ़ आना (flash floods), भूस्खलन (landslides) और बादल फटना (Cloudburst) आदि को शामिल किया जाता है।
- देश में 6,808 मौतें (2018-19 में 2,400, 2019-20 में 2,422 और 2020-21 में 1,986) दर्ज की गईं।
- इन आपदाओं की वजह से सभी राज्यों में पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई ।
- पश्चिम बंगाल में 964 मौतें (2018-19 में 383, 2019-20 में 227 और 2020-21 में 354) दर्ज की गईं, जो जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण होने वाली मौतों का 14% है।
- जल-मौसम संबंधी आपदाओं में भूस्खलन की घातक घटनाएं, मुख्यतः हिमालयी राज्यों में, पश्चिमी घाट और कोंकण क्षेत्रों में लगभग हर साल होती हैं ।
- पश्चिम बंगाल के अलावा, मध्य प्रदेश में 833 मौतें दर्ज की गईं, इसके बाद इसी अवधि में केरल में 708 मौतें हुईं। दोनों राज्यों में बाढ़ के कारण मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- पिछले तीन वर्षों में, पश्चिम बंगाल को ‘चार उष्णकटिबंधीय चक्रवातों’ – फेनी (मई 2019), बुलबुल (नवंबर 2019), अम्फान (मई 2020) और यास (मई 2021) का सामना करना पड़ा।
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