प्लास्टिक-मिश्रित हस्तनिर्मित कागज
- 07 Aug 2021
2 अगस्त, 2021 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने प्रकृति से प्लास्टिक के खतरे को कम करने के लिए विकसित अपने अभिनव ‘प्लास्टिक-मिश्रित हस्तनिर्मित कागज’ (Plastic-mixed Handmade Paper) के लिए पेटेंट पंजीकरण प्राप्त कर लिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: पेटेंट प्रमाणपत्र KVIC के ‘कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर’ को जारी किया गया।
- प्लास्टिक-मिश्रित हस्तनिर्मित कागज को ‘प्रोजेक्ट रिप्लान’ यानी ‘प्रकृति से प्लास्टिक को कम करना’ (REPLAN: REducing PLAstic from Nature) के तहत विकसित किया गया था।
- यह भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जहां प्लास्टिक कचरे की संरचना को नष्ट, निम्नीकृत और कमजोर किया जाता है तथा इसे हस्तनिर्मित कागज बनाते समय कागज की लुगदी के साथ इस्तेमाल किया जाता है और इस प्रकार प्रकृति से प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद करता है।
- यह नवाचार सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप है।
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित तकनीक उच्च एवं निम्न घनत्व अपशिष्ट पॉलिथीन दोनों का उपयोग करती है, जो न केवल कागज को अतिरिक्त मजबूती देती है बल्कि लागत को 34% तक कम करती है। यह उत्पाद पुनः चक्रित करने योग्य और पर्यावरण के अनुकूल है।
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