नदी तट पर स्थित शहरों के लिए संरक्षण योजना
- 17 Jul 2021
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के एक नीति दस्तावेज में नदी तट पर स्थित शहरों को अपने मास्टर प्लान तैयार करते समय नदी संरक्षण योजनाओं को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह प्रस्ताव वर्तमान में उन शहरों के लिए हैं, जो गंगा नदी की मुख्य धारा के करीब बसे हुए हैं। इन शहरों में 5 राज्यों - उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के 97 शहर शामिल हैं।
- "नदी-संवेदनशील" योजनाएं व्यावहारिक होनी चाहिए और अतिक्रमण और भूमि स्वामित्व के सवालों पर विचार किया जाना चाहिए।
- अतिक्रमण करने वाली इकाइयों के लिए एक व्यवस्थित पुनर्वास योजना की आवश्यकता है, जो पुनर्वास रणनीति के अलावा वैकल्पिक आजीविका विकल्पों पर जोर देती हो।
- योजना को भू-स्वामित्व पर भी स्पष्टता प्रदान करनी चाहिए।
- नदी और नदी संसाधनों के संरक्षण के लिए नदी के आसपास के क्षेत्र में हरित बफर बनाकर, कंक्रीट संरचनाओं को हटाकर "हरित बुनियादी ढांचे" को शुरू किया जाना चाहिए।
महत्व: मास्टर प्लान में नदी प्रबंधन के लिए पानी की गुणवत्ता की उपग्रह आधारित निगरानी; नदी के किनारे जैव विविधता मानचित्रण के लिए 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता' का प्रयोग; नदी-स्वास्थ्य निगरानी के लिए 'बिग डेटा' का उपयोग तथा बाढ़ मैदानों के लिए मानव रहित विमान को शामिल किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG): इसे 12 अगस्त, 2011 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था। NMCG राष्ट्रीय गंगा परिषद (इसने 2016 में ‘राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ को प्रतिस्थापित किया था) का कार्यान्वयन स्कंध है।
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