भारत के 35% बाघ क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र से बाहर
- 15 Jul 2021
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 8 जुलाई, 2021 को जारी रिपोर्ट 'ए फ्यूचर फॉर ऑल - ए नीड फॉर ह्यूमन - वाइल्डलाइफ को-एग्जीस्टेंस' (A Future for All – A need for Human-Wildlife Coexistence) के अनुसार वर्तमान में भारत के 35% बाघ क्षेत्र (tiger ranges) संरक्षित क्षेत्रों से बाहर हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य: रिपोर्ट में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष पर अध्ययन किया गया। समुद्री और स्थलीय संरक्षित क्षेत्र वैश्विक स्तर पर केवल 9.67% को कवर करते हैं।
- इनमें से अधिकांश संरक्षित क्षेत्र एक-दूसरे से अलग हो गए हैं, कई प्रजातियां अपने अस्तित्व के लिए मानव-प्रभुत्व वाले स्थानों (human-dominated spaces) और साझा परिदृश्यों (shared landscapes) पर निर्भर हैं।
- संरक्षित क्षेत्र प्रमुख प्रजातियों जैसे बड़े शिकार करने वाले जानवरों और शाकाहारी जीवों के अस्तित्व के लिए तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- भारत के बाघों के अलावा, 40% अफ्रीकी शेर क्षेत्र और 70% अफ्रीकी और एशियाई हाथी क्षेत्र संरक्षित क्षेत्रों से बाहर हैं।
- भारत में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2014-15 और 2018-19 के बीच मानव-हाथी संघर्ष में 500 से अधिक हाथियों की मौत हुई। इसी अवधि में 2,361 लोग हाथियों के हमले में मारे गये।
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