राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व
- 09 Jul 2021
जुलाई 2021 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने राजस्थान के बूंदी जिले में ‘रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य’ (Ramgarh Vishdhari Wildlife Sanctuary) को राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व में बदलने की मंजूरी दे दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के बाद राज्य का चौथा और देश का 52वां टाइगर रिजर्व होगा।
- रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व पूर्वोत्तर में सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व और दक्षिणी तरफ कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को जोड़ेगा, जिससे इसे बाघ गलियारे के रूप में विकसित किया जाएगा।
- 1,017 वर्ग किमी. के कुल क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसमें भीलवाड़ा के दो वन खंड तथा बूंदी के क्षेत्रीय वन ब्लॉक और इंदरगढ़ शामिल हैं, जो रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बफर जोन के अंतर्गत आता है।
- प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में 300 वर्ग किमी. से अधिक क्षेत्र को जानवरों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास (critical habitat) के रूप में छोड़ दिया जाएगा, जबकि शेष एक बफर जोन होगा।
- 2018 की बाघ गणना के अनुसार, राज्य में तीन टाइगर रिजर्व- रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टाइगर रिजर्व और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 102 बाघ हैं।
- रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को वर्ष 1982 में स्थापित किया गया था और यह 252.79 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे