पूर्वोत्तर क्षेत्र में बायोटेक-किसान कार्यक्रम
- 24 Jun 2021
जून 2021 में जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपने मिशन कार्यक्रम ‘बायोटेक-कृषि इनोवेशन साइंस एप्लिकेशन नेटवर्क (बायोटेक-किसान)’ (Biotech-Krishi Innovation Science Application Network- Biotech-KISAN) के एक हिस्से के रूप में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है।
उद्देश्य:पूर्वोत्तर क्षेत्र में छोटे और सीमांत किसानों, विशेष रूप से क्षेत्र की महिला किसानों के साथ उपलब्ध नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों को खेत से जोड़ना।
बायोटेक-किसान: यह कृषि नवाचार के लिए 2017में शुरू की गई एक वैज्ञानिक-किसान साझेदारी योजना है, जिसका उद्देश्य खेतों के स्तर पर लागू किए जाने वाले नवीन समाधानों और प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए विज्ञान प्रयोगशालाओं को किसानों से जोड़ना है।
- इस योजना के तहत, अब तक देश के सभी 15कृषि जलवायु क्षेत्रों और 110आकांक्षी जिलों को कवर करते हुए 146बायोटेक-किसान हब स्थापित किए जा चुके हैं।
क्यों शुरू किया गया?पूर्वोत्तर क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि प्रधान है और इस क्षेत्र की 70% आबादी आजीविका के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्र पर निर्भर है।
- यह क्षेत्र देश के खाद्यान्न का केवल 1.5% उत्पादन करता है और घरेलू उपभोग के लिए भी खाद्यान्न का शुद्ध आयातक बना हुआ है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थान विशिष्ट फसलों, बागवानी और वृक्षारोपण फसलों, मत्स्य पालन और पशुधन उत्पादन को बढ़ावा देकर कृषि कार्यों में संलग्न आबादी की आय बढ़ाने की अपार क्षमता है।
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