नासा के शुक्र ग्रह के लिए दो नए मिशन की योजना
- 12 Jun 2021
2 जून, 2021 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्र ग्रह के वातावरण और भूगर्भीय विशेषताओं की जांच करने के लिए शुक्र पर दो नए मिशन भेजने की घोषणा की है।
उद्देश्य: यह समझना है कि शुक्र कैसे एक नरक जैसी दुनिया बन गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: इन दोनों मिशन के लिए 50-50 करोड़ डॉलर की फंडिंग को मंजूरी मिल गई है और ये मिशन वर्ष 2028 और 2030 के बीच लॉन्च होंगे।
- नासा के प्रशासक बिल नेल्सन के अनुसार नासा द्वारा शुक्र ग्रह पर अंतिम बार 1990 में ‘मैगलन मिशन’(Magellan Mission) भेजा गया था।
- शुक्र सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है, जिसकी सतह का तापमान लगभग 500 डिग्री सेल्सियस है। यह तापमान सीसा पिघलाने के लिए पर्याप्त माना जाता है।
डेविंसी प्लस मिशन: डेविंसी प्लस, ‘डीप एटमॉस्फियर वीनस इन्वेस्टिगेशन ऑफ नोबल गैसेज, केमिस्ट्री, एंड इमेजिंग’ (Deep Atmosphere Venus Investigation of Noble gases, Chemistry, and Imaging- Davinci+) का संक्षिप्त रूप है।
- इसके जरिए ग्रह के वायुमंडल को मापकर यह पता लगाया जायेगा कि शुक्र ग्रह कैसे बना और विकसित हुआ। इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना भी होगा कि क्या शुक्र के पास कभी महासागर था।
- यह शुक्र ग्रह की भू-वैज्ञानिक विशेषता ‘टेसरी’ (tesserae) की पहली उच्च रिजॉल्यूशन तस्वीरें भेजेगा।
वेरिटास मिशन: वेरिटास, 'वीनस एमिस्सिविटी, रेडियो साइंस, आईएनएसएआर टोपोग्राफी एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी' (Venus Emissivity, Radio Science, InSAR, Topography, and Spectroscopy- VERITAS) का संक्षिप्त रूप है।
- यह शुक्र ग्रह के भूगर्भीय इतिहास को समझने के लिए ग्रह की सतह का नक्शा तैयार करेगा और यह जांच करेगा कि यह पृथ्वी की तुलना में इतना अलग कैसे विकसित हुआ।
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