देश में सबसे कम बाल लिंगानुपात उत्तराखंड में
- 08 Jun 2021
जून 2021 में नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के सूचकांक 2020-21 के अनुसार, जन्म के समय लिंगानुपात के मामले में उत्तराखंड सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। एसडीजी सूचकांक के अनुसार राज्य का लिंगानुपात 840 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 899 है।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस श्रेणी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है, जहां जन्म के समय लिंगानुपात 958 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है।
- नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार केरल 957 के लिंगानुपात के साथ दूसरे स्थान पर है।
- कम लिंगानुपात वाले राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा ने अपनी स्थिति में सुधार किया है। जहां हरियाणा में प्रति 1000 पुरुषों पर 843 महिलाओं का जन्म दर्ज किया गया, वहीं पंजाब में यह संख्या 890 तक पहुंच गई है।
- 2005-6 में किए गए तीसरे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-3) के अनुसार जन्म के समय उत्तराखंड का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों जन्मों पर 912 महिलाओं का था, जो उस समय के राष्ट्रीय औसत 914 से कम था।
- एक दशक के बाद, 2015-16 में, NFHS-4 के अनुसार, उत्तराखंड में जन्म के समय लिंगानुपात घटकर 888 रह गया था। एसडीजी सर्वेक्षणों के अनुसार, 2018 में अनुपात गिरकर 850 और उसके बाद अगले वर्ष 841 हो गया था।
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