सीमा शुल्क (रियायती शुल्क दर पर वस्तुओं का आयात) संशोधन नियम, 2021
- 20 May 2021
सरकार व्यापार सुविधा को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा सीमा शुल्क (रियायती शुल्क दर पर वस्तुओं का आयात) नियम, 2017 (IGCR 2017) में बदलाव लेकर आई है। 18 मई, 2021 को 'केंद्रीय सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर बोर्ड' (CBIC) ने सीमा शुल्क (रियायती शुल्क दर पर वस्तुओं का आयात) संशोधन नियम, 2021 के माध्यम से बदलाव पेश किए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य: IGCR 2017 के तहत उन प्रक्रियाओं और तरीके को निर्धारित किया जाता है, जिसके अनुसार एक आयातक वस्तुओं के घरेलू उत्पादन या सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक वस्तुओं के आयात पर रियायती सीमा शुल्क का लाभ उठा सकता है।
- व्यापार और उद्योग जगत की जरूरतों को समायोजित करने के लिए आयातित वस्तुओं को ‘जॉब वर्क’ के लिए बाहर भेजने की अनुमति दे दी गई है। पहले यह सुविधा न मिलने से उद्योग जगत, विशेषकर एमएसएमई क्षेत्र के उन उद्यमों को काफी मुश्किलें होती थीं, जिनके पास आंतरिक रूप से पूर्ण विनिर्माण क्षमता नहीं थी।
- ऐसे आयातक जिनके पास कोई विनिर्माण सुविधा नहीं है, वे भी अब रियायती सीमा शुल्क पर वस्तुओं का आयात करने के लिए आईजीसीआर, 2017 का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, कुछ सेक्टरों जैसे कि सोना, आभूषण, बेशकीमती पत्थरों और धातुओं को इससे बाहर रखा गया है।
- अब एक और प्रमुख प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके तहत रियायती सीमा शुल्क पर पूंजीगत सामान का आयात करने वालों को अब उन्हें मूल्यह्रास वाली कीमतों पर शुल्क और ब्याज के भुगतान पर घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति दे दी गई है। पहले इसकी अनुमति नहीं थी।
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